इस बार आसान नहीं दिल्ली आप जाए, जनता पार्टी से नाराज

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दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 की घोषणा हो गई है। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसका स्वागत करते हुए जीत का दावा किया है। पिछले कई माह से सभी पार्टियां तैयारी भी कर रही थीं। अब चुनावी रण में उतरने का समय आ गया है। दिल्ली चुनाव में मुख्य मुकाबला इन्हीं तीनों पार्टियों के बीच है। इस बार दिल्ली की सत्ता संभालना आप के लिए आसान नहीं है क्योकि सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित कई नेता जेल जा चुके हैं। मुख्यमंत्री आवास विवाद से लेकर आबकारी घोटाले व भ्रष्टाचार के अन्य मामलों को विपक्ष प्रमुखता से उठा रहा है। पिछले 10 वर्षों से सत्ता में रहने के कारण कई स्थानों पर विधायकों व सरकार के प्रति नाराजगी है। चुनाव से पहले पार्टी के कई प्रमुख नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। टिकट कटने से कई विधायकों व उनके कार्यकर्ताओं में नाराजगी से भीतरघात का डर है। वायु प्रदूषण, दूषित पेयजल, यमुना की सफाई सहित अन्य समस्याओं को लेकर आप को विरोधी पार्टियां कटघरे में खड़ा कर रही हैं। दिल्ली सरकार से किए गए वादे पूरे नहीं करने का आरोप है। एक बुजुर्ग यात्री ने बताया कि बसों में महिलाओं की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि बुजुर्गों को भी सफर करने में दिक्कत आ रही है। यह केवल फी की वजह से हो रहा है । एक महिला पैसेंजर ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर चर्चा छेड़ है। उसने कहा कि बस स्टॉप से लेकर तंग गलियों में कोई भी सुरक्षित नहीं। कभी सुनने को मिलता है कि महिला की चेन लूट ली गई तो किसी का मोबाइल चोरी कर लिया गया । अब तो डर ही लगता है। बस में सफर के दौरान हर बार फोन और पर्स पर निगाह रखनी पड़ती है। 2020 के विधानसभा चुनावों के उलट इस बार आ आदमी पार्टी के लिए ‘भ्रष्टाचार’ बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। कुछ नेताओं का मानना है कि जिस तरह से ‘शीशमहल’ के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को घेरा गया है, उससे आप को बड़ा नुकसान हो सकता है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दिल्ली की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। ये दोनों पार्टियां ‘आप’ के वोट बैंक में सेंध लगा सकती हैं।